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Saturday, October 31, 2015

एक डॉक्टर का करवा चौथ :


एक डॉक्टर का करवा चौथ :

कल चौथ का चाँद था और पार्क में,
खूबसूरती का हुजूम था लगा हुआ ।

कंगन , चूड़ा , पायल , झुमके , हार ,
नई साड़ियों का रंग था बिखरा हुआ।

जिंदगी में ३६४ दिन थे सास के पर ,
कल बहुओं का रूप था निखरा हुआ।

वो तो करती रही प्रसूति सेवा दिन भर , 
जहाँ नन्हे जीवन से रिश्ता गहरा हुआ।

उसने भी देखा और दिखाया व्रताओं को , 
चाँद जब आसमाँ में छत पर उभरा हुआ।

कल फिर हमने उनकी ओर देखा सीधा , 
बिन छलनी के प्यार फिर सुनहरा हुआ।

Friday, October 16, 2015

दाल रोटी खाओ और प्रभु के गुण गाओ ...


राम मिलाई जोड़ी। ये कहावत सिर्फ पति पत्नी पर ही नहीं , खाने पर भी लागु होती है। जैसे दाल- रोटी , दाल- चावल , राज़मा- चावल। लेकिन इसका भी एक वैज्ञानिक कारण होता है।

हमारी शारीरिक संरचना और स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए ९ आवश्यक अमीनो एसिड्स ( essential amino acids) की आवश्यकता होती है। ये एमिनो एसिड्स हमें खाद्य पदार्थों से मिलते हैं। मांसाहार में इन की कोई कमी नहीं होती और वांछित मात्रा खाने से मिल जाती है। लेकिन शाकाहारी भोजन में गेहूं और चावल में लाइसिन नाम के एमिनो एसिड की कमी होती है और मेथिओनिन सहित अन्य सभी एमिनो एसिड्स बहुतायत में होते हैं। जबकि दाल , राज़मा और छोले में लाइसिन बहुतायत में होता है परन्तु मेथिओनिन की कमी होती है।

इस तरह दाल रोटी , दाल चावल , राज़मा चावल आदि के कॉम्बो मील में सभी एमिनो एसिड्स वांछित मात्रा में प्राप्त हो जाते हैं। यही कारण है कि उत्तर भारत में जहाँ गेहूं का उत्पादन ज्यादा होता है और गेहूं की रोटी मुख्य भोजन है , उसे दाल के साथ खाया जाता है।  वहीँ दक्षिण भारत में चावल की खेती ज्यादा होती है और दाल चावल मुख्य भोजन होता है।  हालाँकि पूर्ण रूप से स्वस्थ रहने के लिए संतुलित आहार भी आवश्यक है।  इसीलिए उत्तर भारतीय खाने में शाकाहारी थाली में ये खाद्य पदार्थ अवश्य होते हैं -- रोटी , चावल , दाल , सब्ज़ी , दही / रायता और सलाद।  इससे न पूर्ण ऊर्जा मिलती है बल्कि सभी घटक जैसे वसा , प्रोटीन , कार्बोहाइड्रेट , विटामिन्स , और खनिज पदार्थ उचित मात्रा में मिलते हैं।

इसीलिए कहते हैं कि दाल रोटी खाओ और प्रभु के गुण गाओ।

Wednesday, October 7, 2015

दा पत्नी रिटर्न्स :


वो पास होती हैं तो फरमान सुनाती हैं,
अज़ी ऐसा मत करना , वैसा मत करना।
ये मत खाना , वो मत खाना।
कुछ खाओ भी तो ज्यादा मत खाना !

वो दूर जाती हैं तो समझाती हैं ,
अज़ी ऐसा करना , वैसा करना ,
ये खा लेना , वो खा लेना ,
कुछ भी खाना ,पर  भूखा मत रहना !

हम तो हर हाल में,
पत्नी का हुक्म बजाते हैं ,
वो दिन को रात भी कहे तो ,
आँख बंद कर रात ही बताते हैं !

वो हो तो मुसीबत , न हो तो और मुसीबत,
पत्नी तो एक दोधारी तलवार होती है।
परन्तु पत्नी पास हो या दूर , सोते जागते,
उसके मन पर पति की ही चिंता सवार होती है।